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बिश्नोई समाज के गौत्र
 
 उन्नतीस नियम धारण कर गुरूजी के शिष्य बन जाने पर , लोगों के पीछे जो भी गौत्र था वह नहीं बदला गया |
लगभग 350    जातियों के लोगों ने गुरुजी से दीक्षा लेकर बिश्नोई बने थे |
वे इस प्रकार हैं -

अग्रवाल,अभीर,अडिंग,अहीर,अडोल,अवतार,अहोदिया,अत्रि,अतलि,आंजणा,आमरा,आयस,आसियां, |
आनणा,आखा,अखिंड,ईहराम,ईसराम,ईसारवा,ईसरवाल,ईनणिया,ईयार, ईडंग, उत्कल,उमराव,ऊनिया,ऐचरा,ऐरण,ऐरब, ओऊ, ओला ,ओदीया(अहोदिया),ओटिया ,ओरिया, |
कडवासरा(कुराडा),कसवझ(कांवा),करीर ,कणेटा,कसबी,कबीरा , कलवाणिया,कलेडिया, कमणिगारा |
करड,कमेडिया,कच्छ्वाया/कच्छ्याई,कश्यप ,कलीराण(कल्याणा) काकड़,कालडा,कासणिया,कामटा, कांसल,कांगड़ा,किरवाला ,किकरं |खदाब,खडहड,खेडी ,खोखर,खाट,खाती ,खावा ,खारा,खिलेरी ,खिचड ,खुड्खुडिया,खेरा,खोखर ,खोत,खोजा,खोड,गर्ग ,गावाल,गायणा, गाट |गीला ,गुरु ,गुजेला (उदावत) ,गुरुसर ,गुजर ,गुजर गौड़ ,गुलेचा ,गुलेजा, गुप्ता ,गुरुड़,गुडल ,गेर ,गेहलोत ,गोदारा (सोनगरा ,उदाणी,खिरंगिया,धोलिया,बब्नीड,सिसोदिया ,देवड़ा ),गोरा ,गोयत |गोयल(गोभिल,गोविल,गोहिल ),गोगियां,गौला ,गौड़,घणघस,घटियाल,घांगु, चंदेल,चांगडा, चैहान,चौहान(चवाण) चमड़ा ,छीपा(दरजी ),ज्वर (जौहर),जांगू,जाखड ,जायल, जाजूदा,जाला, जाणी,जांगड़ा,झांस,झांग |झाझडा,झाझण,झाला ,झुरिया,झोधकण, (जोधकरण),झाडा ,झोरड,टणडन,टाडा,टांडी(तांडी), टुसिया(टुहिया ), टोकसिया, ठकरवा, ठोड ,डबोकिया, डारा, डागा ,डागर, डिंगल, डूडी ,डेहला ,डेलू ,ड़ोगिपाल, ढल ,ढहिया |
तोड,तंवर(तिंवर) ,थलवट,थालोड,थापण(चौहान ,साहू ) ,थोरी ,दडक(धडक ),दरजी ,दासा,दिलोहया(दुलोलिया ), दुगसर,देहडू,दहिया ,देवड़ा(खेडेवाला),टोहरावाला,लोढ़ा,दोतड, धतरवाल ,धधारी ,धारणिया ,धायल ,धामू ,धरिया ,धूमर,नरूका ,नकोसिया ,नफरी ,नाडा ,नाईया,नागर,नाथ ,नाई ,निरबान,निबिबागा,नेहरा ,नैण, परमार (पंवार ,पवार ,पुआर ,पुवार),पंवार (कुलडिया) , पडियाल(पडिहार ), पठान ,पराशर ,प्यारी ,पालाडिया,पारस,पाल, पाटोदिया,पारिक,पिथरा , पुरवार(पुरवाल,पोरवाल ,पैरवाल ), पुड्या , पुष्करणझ(पोहकरण),  पुनिया,पोटलिया,पंडवालिया (पवाडिया) ,फलावर,बरड,बदिता,बड़ोला,बडएड ,ब्रदाई, बनगर,बटेसर ,बलावत ,
बेनीवाल (बेहानीवाल, बिणियाल ) ,बेरवाल , बळडिकिया ,बजाज ,बलोंइया , बछियाल,बलाई, बड़ोला,बसोयाल,बंसल ,बदिया,बल्हाकिया,बरूडिया,बाबल,बाणीछू ,बागडिया,बाजरिया,बाटेडा,बणिया(बनिया),बावरी ,बांगडवा,बाना ,बाजिया,बाडंग,बासत,बागेशु,बाकेला ,बाघेला , बनारवाल(अहीर ),बिच्छू ,बिडासर, बिलाद,बिडाल,बिडग,बिडियाराझ , बिडार,बिलोनिया ,बिलोडिया,बुडिया,भवाल,भट्ट ,भलुडिया,भांबू(भाम्भू ),भादू ,भरवार,भोडर, भाडेर, भारद्वाज,भिलुमिया  भींचर,भोजावत ,भोडिसर,भोछा ,भूरटा, भूरंट, भुट्टा ,भूल ,भूश्रण,मंडा, मतवाला ,महिया (मईया), मल्ला ,मारत ,मांजू,माल,माचरा,मलपूआ ,मालपुरा, मालीवाल,माहेश्वरी,मातवा,मांदु, माई, मांगलिया,मिश्र ,मितल,मील, मीठातगा, मुरटा, मुंडेल, मुदगिल ,मुरिया(मावरिया), मुंढ, मेहला,मेवदा, मोहिल ,मोगा, रशा, रंगा , रघुवंशी ,राड(राहड़),रायल ,राव ,रायत, राठौड़,राणोत, रिणवा,रूबाबल, खोडा, रोहज , रोझा ,रोड, लटियाल , लरियाल, लाम्बा,लुदरिया , लागी,लोल ,लोहमरोड़, लुहार, वरा, व्यास ,वरासर,वासनेय , वात्सल्य ,विलाला, विसु, सराक, सरावक् , सहू(साहू, सोहू), सदु , सगर, साईं ,सान्वक,साहरण (सारण) , सांखल (सागर), सारस्वत , साबण (शाबण), सियाक(सियाग ,सियाख ,सिहाग ), सिसोदिया , सिंघल (सिंगल ,सिंगला सिंहला), सेंवर(सिंवर ) ,सियोल (सिंवल ), सिवरखिया, सिरडक, सिरोडिया, सिंधल |सिरडिया , सीलक, सिगड़, सुथार(खाती ,जांगड़ा, बढ़ई,तरवान), सुनार , सूर , सांखला(एयर ) , सेरडिया, सेवदा,सेहर (शेर), सेधो( सेथो), सेंगडा, सोढा, सोलंकी , सोनक (सुनार ), शांक, शाह, शाणडलय, शिव ,श्रीमाली , शिढोला, हरडु, हरीजा, हाडा (उदावत ,बलावत ,भोजावत ), हरिया , हरिवासिया , हुमडा , हुड्डा ||
                                             
नोटःथापन गोत्र्,गायणा गोत्र्,सुथार गोत्र तथा दनगर पूर्बिया (पुर) गोत्र्-सभी को गोतों की व्रुहद सूची में भी सम्मिलित हुआ है। जाट(८० प्रतिशत्), अग्रवाल् (बनिया), राजपूत्, ब्राम्हण्, कुरमी, अहीर्, सुथार (खाती, जांगडा, बढई, तरखाना), सुनार्, नाई, तेली, गायणा, दनगर पूर्बिया (पुर्), गुजर्, गुप्ता (वंश्), छिंपा (दरजी), तगा (त्यागी), माहेश्वरी, कसबी, बेहडा, जुलाहा (बुनगर्, बेजरा), पुष्पकरणा(पोहकरणा), बजाज्, बाणिया (बनिया), सारस्वत्, श्रीमाली  ||


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