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मध्य भारत के एक मात्र बिश्नोई नेता और मंत्री

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पर्यावरण और जीवरक्षा की उच्च एवं अतिविशिष्ट
परम्परा का ध्वजावाहक बिश्नोई  सम्प्रदाय और
परम्परा हमेशा सम्मानित होती रही है। मध्यप्रदेश में
बिश्नोई  समाज की गिनी-चुनी जनसंख्या है। दस हजार
से भी कम। इनमें से अधिकांश अपना गोत्र लिखते हैं।
बिश्नोई नहीं। इस प्रवृत्ति और कम जनसंख्या ने
प्रदेश में विश्नोई समाज की पहचान का संकट
खड़ा था। ऐसे समय 1998 में 'श्री अजय बिश्नोई जी S/o श्री गौरीशंकर जी बिश्नोई' को भारतीय
जनता पार्टी की ओर से मध्यप्रदेश विधानसभा में
विधायक बनने का अवसर मिला, विधायक बनने के
बाद से ही उन्होंने मध्यप्रदेश में विश्नोई समाज
को पहचान और सम्मान दिलाने के प्रयास किये।
सफलता मिली और शासन ने विश्नोई माथे
को अनेकों तिलक और सम्मान से नवाजा है, जिनमें से
कुछ इस प्रकार हैं:-
1. बिश्नोई  समाज को म.प्र. में अन्य पिछड़ा वर्ग
की सूची में शामिल किया गया।
2. कक्षा 8वीं की बाल भारती में शहीद
अमृता देवी बिश्नोई  बलिदान की घटना का पाठ शामिल
किया।
3. शहीद अमृता देवी बिश्नोई के बलिदान
को स्वीकारा और उसके सम्मान में प्रत्येक वर्ष
सार्वजनिक शासकीय आयोजन करके निम्न पुरूस्कार
दिये जाते हैं:-
(i). वनरक्षा एवं वनसंवर्धन के क्षेत्र में उत्कृष्ट
कार्य करने वाली संस्था (ग्राम पंचायत संयुक्त वन
प्रबधंन के अंतर्गत गठित समितियाँ के अशासकीय
स्वयंसेवी संस्था) को शहीद अमृता देवी बिश्नोई
पुरूस्कार और 4 लाख रूपये की नगद राशि।
(ii). वनरक्षा एवं वनसंवर्धन के क्षेत्र में उत्कृष्ट
कार्य करने वाले व्यक्ति को शहीद
अमृता देवी बिश्नोई पुरूस्कार और 2 लाख रूपये नगद
राशि।
(iii). वनरक्षा एवं वनसंवर्धन के क्षेत्र में उत्कृष्ट
कार्य करने वाले शासकीय सेवक को शहीद
अमृता देवी बिश्नोई पुरूस्कार और रूपये 1 लाख रूपये
नगद।
(iv). वन्य प्राणियों की रक्षा में उल्लेखनीय कार्य
करने वाले शासकीय सेवक को शहीद
अमृता देवी बिश्नोई पुरूस्कार और 1 लाख रूपये
की नगद राशि।
श्री अजय बिश्नोई जी वर्तमान समय में मध्य-प्रदेश के जबलपुर जिले के पाटन विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं और मध्यप्रदेश की मौजूदा भा.ज.पा. सरकार में 'पशुपालन एवं अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री' हैं।
हम इनके द्वारा बिश्नोई-हित मे करवाए गए कार्यों के लिए इनका आभार व्यक्त करते हैं और इनके उज्जवल पारिवारिक व राजनीतिक भविष्य की कामना करते  हैं.

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