लौह पुरुष व किसान केसरी श्री रामसिंह बिश्नोई

रामसिंह जी का जन्म 30 अक्तुबर 1935 को श्री मधाराम जी खोखर के यहां हुआ।
स्थान : जोधपुर जीले की बिलड़ा तसील का तिलवासनी गाँव। उनकी धर्मपत्नी का नाम अमरीदेवी है। उनके 3 पुत्र व 1 पुत्री है। स्व रामसिंह की शिक्षा दिक्षा जोधपुर में हुई।
सियासी शुरुवात : लुणी विधानसभा क्षेत्र से प्रथम बार विधायक बने। वो जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री पद पर भी रहे।
विधानसभा का प्रतिनिधित्व : श्री रामसिंह बिश्नोई ने सात बार विधानसभा का प्रतिनिधित्व किया। श्री रामसिंह अखिल भारतीय बिश्नोई जीव रक्षा व महासभा के अध्यक्ष रहे। रामसिंह मूर्धन्य किसान नेता थे, वो मारवाड़ में साहब के नाम से मशहूर हुए।
व्यक्तित्व : स्व रामसिंह बिश्नोई साधारण व सरल स्वभाव व्यक्तित्व के धनी थे। उन्होने एक सफल राजनितिज्ञ के रूप में छाप छोड़ी। स्व रामसिंह ने जीवनभर देश व समाज के विकास में अहमयोगदान दिया। किसानों के हितेषी हो के कारण उन्हें किसान केसरी कहा जाने लगा। समाजसेवी होने के कारण बिश्नोईज्यम के लोह पुरुष के रूप में प्रसिद्ध हुए।
गौरतालाब है कि स्व. रामसिंह नें बिश्नोई समाज की उन्नति के लिए अनुकरणीय सेवाएं प्रदान की है। उन्होनें सेवक दल के नए परिसर हेतु 1 बीघा जमीन (50 लाख से अधिक लागत) चार दिवारी, रसोईघर ,भंडारगृह व पाकशाला का निर्माण करवाया। उन्होंने दिल्ली में बिश्नोई धर्मशाला की स्वीकृत्ति व भूमि दिलवाने संबंधी कार्यवाहि को तेज करने एवं नर्णायक कार्यवाही के निर्देश दिए और बिश्नोई रत्न चौ साहब की सहायता से भूमि संबंधि कार्यवाही को पुर्ण करके दिसम्बर 2001 को तत्काल महामहिम श्री के आर नारायण के कर कमलों से बिश्नोई धर्मशाला की नींव रखवाई । श्री रामसिंह ने विधायक कोटे से सन 1984 में खेजडली मे विशाल मंच का निर्माण करवाया। स्व. रामसिंह जी खैजड़ली व जाम्भोलाव मेले में बढचढकर हिस्सा लेते थे। उनकी सेवाएं बिश्नोई समाज के लिए प्रेणा स्त्रोत रहेगी। उन्होनें राजनिती में भी अविस्मरणीय सेवाएं दी ।
श्री रामसिंह बिश्नोई जैसे दिवगंत समाज सेवी की जीवन यात्रा भले ही थम जाए, पर उनके कदमों के निशान हमेशा कायम रहते हैं।