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: - प्रात: सांयकाल के हवन मन्त्र :-
ओ३म् अग्नये स्वाहा । ओ३म् सोमाय स्वाहा ।ओ३म् प्रजापतये स्वाहा । 
ओ३म् इन्द्राय स्वाहा।ओ३म् विष्णवे स्वाहा। ओ३म् श्री जम्भेश्वर भगवते स्वाहा |
ओ३म् सूर्यो ज्योतिर्ज्योति: सूर्य: स्वाहा।। ओ३म् सूर्यो वर्चो ज्योतिर्वर्च: स्वाहा।।
ओ३म् ज्योति: सूर्य: सूर्यो ज्योति: स्वाहा |ओ३म् सजूदर्देवेन सवित्रा , सजूरूषसेन्द्रवत्या जुषाण: सूर्योवेतु स्वाहा|
ओ३म्अग्निर्ज्योतिरग्नि:स्वाहा।ओ३म् अग्निर्वर्चो ज्योतिर्वर्च: स्वाहा।ओ३म् ज्योतिरग्नि: अग्नि ज्योति: स्वाहा।
ओ३म्  सजूदर्देवेन सवित्रा , सजू  रात्रयेन्द्रवत्या, जुषाणो : अग्निर्वेतु  स्वाहा| ओ३म्  भूरग्नये प्राणाय स्वाहा |
ओ३म् भूवर वायवे अपानाय स्वाहा |ओ३म्  स्वरादित्याय व्यानाय स्वाहा |ओ३म् भूर्भव: स्वरग्निवाय्वादित्येभ्य: प्राणापानव्यानेभ्य: स्वाहा |ओ३म् आपो ज्योतिरसोअमृतं  ब्रह्मा भूर्भव:स्वरों स्वाहा |ओ३म् यां मेधां देवगणां पितरश्चोपासते तया मामद्य मेधयाग्ने मेधाविनं कुरु स्वाहा |ओ३म् विश्वानि देव सवितर्दुरितानी परासुव ,यद् भद्रं तन्न आसुव स्वाहा |

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